श्रीविध्या के प्रकाश से द्वितीय त्रिलोक स्तम्भनि ब्रह्मस्त्र विध्या प्रकट हुआ. शक्ति जो ब्रह्मस्त्र विध्या से उत्पन्न हुआ वह भगवान विष्णु के शक्ति मे विलीन हो गया.एक मदन नाम का राक्षस काफी कठिन तपस्या करके वाक् सिद्धि के वरदान को पाया था. उसने इस वरदान का गलत इस्तेमाल करना शुरू https://louisfdmsy.blogunok.com/35018679/the-smart-trick-of-vashikaran-that-no-one-is-discussing